श्याम तेरा सच्चा दरबार भगतो का करता भंडार
कर देता नैया पार तुमसा नही कोई दातार
हम दीवाने हो गये हम दीवाने हो गये
रिंग्स से पैदल चलता गया मैं जय श्री श्याम कहता गया
पैरो में शाले पड़ते गये धीरे धीरे मैं सहता रहा
भगतो पे बरसा था प्यार महिमा सबसे बड़ी आपार
बिनती करले ना सवीकार दर्शन देदो बस एक बार
हम दीवाने हो गये
शीश दान दे के श्री कृष्ण को या वरदान पाया
कलयुग में हारे का साथी खाटू का श्याम आया
तेरी महिमा अप्रम पार छोडू ना मैं तेरा द्वार
तेरे हाथ मेरी पतवार तू ही नैया के मनहार
हम दीवाने हो गये
तीन बाण शिव जी ने दीना आंबे ने दी शक्ति
कहे मंगत मनो बात मेरी करो श्याम नाम की भक्ति
सूरज सोनी आया दवार बिनती करता बारम बार
तुझपर भगतो का अधिकार नैया पार करो सरकार
हम दीवाने हो गये