साई साई हे मेरे साई शिरडी गोसाई साई मेरा सहारा हो तुम
तू मेरे मन में तू ही लगन में साई मैं तुझमे हु गुम
साई साई साई साई हे मेरे साई
शिरडी गोसाई साई मेरा सहारा हो तुम
तू मेरे मन में तू ही लगन में साई मैं तुझमे हु गुम
सारे कष्ट समेटे तू सब की झोली भरे
सतरंगी खुशियों से तू सबका मंगल करे
तू ही है तन में तू ही है मन में तुझको ही हर पल जपु
तेरी शरण में आकर के बाबा तेरा ही वंदन करू
हे मेरे साई शिरडी गोसाई साई मेरा सहारा हो तुम
तू ही मालिक मेरा जग तेरा वंदन करे
तू है तो दुनिया से मन मेरा क्यों पर डरे
तू ही है तन में तू ही है मन में तुझको ही हर पल जपु
तेरी शरण में आकर के बाबा तेरा ही वंदन करू
हे मेरे साई शिरडी गोसाई साई मेरा सहारा हो तुम
शिरडी की माटी को जो माथे का चन्दन करे
त्रिभुवन में कुछ भी नहीं तेरी किरपा से परे
तू ही है तन में तू ही है मन में तुझको ही हर पल जपु
तेरी शरण में आकर के बाबा तेरा ही वंदन करू
हे मेरे साई शिरडी गोसाई साई मेरा सहारा हो तुम