जय हो माँ जय जय जय हो माँ
जय हो माँ जय जय जय हो गंगा माँ
हरिद्वार आके गंगा नहाना
हरिद्वार आके गंगा नहाना
पावन तन और मन कर जाना
पावन तन और मन कर जाना
निर्मल जल में डुबकी लगाना
पावन तन और मन कर जाना …2
गंगे माँ जय जय जय हो माँ
गंगे माँ जय जय जय हो माँ
माँ गंगा को अपने
मैं मन में बसउ
फिर दीपक जल के
मैं जल में बहु
निज सर को झुकाये
मैं मन्नत कर औ
हो कामना पूरी
मैं गंगा नहौ
पके गंगा माँ से नजराना
पावन तन और मन कर जाना …2
हरिद्वार आके गंगा नहाना
पावन तन और मन कर जाना
जय हो माँ जय जय जय हो माँ
जय हो माँ जय जय जय हो गंगा माँ
ये पाप मिटाये और मोक्ष दिलाये
तभी गंगा जल विश्व में ख्याति पाए
ये हर की है पानी
यहाँ जो भी आये
वो दर्शन गंगा आरती के पाए
तुम भी जीवन धन्य कर आना
पावन तन और मन कर जाना …2
हरिद्वार आके गंगा नहाना
पावन तन और मन कर जाना
हरिद्वार आके गंगा नहाना
हरिद्वार आके गंगा नहाना
पावन तन और मन कर जाना
पावन तन और मन कर जाना
निर्मल जल में डुबकी लगाना
पावन तन और मन कर जाना …2
गंगा नाहा जय जय जय बोल के
गंगा नाहा जय जय जय बोल के
मैं सुन गंगा महिमा
करने स्नान आया
श्रद्धा पुष्प लेकर
गंगा धाम आया
कहे लोग सारे आके माँ के द्वारे
पायी मैंने खुशियां
संग सुख में भाव पाया
सुन लो आज सारा जमाना
पावन तन और मन कर जाना
और मन कर जाना …
और मन कर जाना …
और मन कर जाना …
और मन कर जाना …
और मन कर जाना …
और मन कर जाना …
और मन कर जाना …
और मन कर जाना …