जय कार सोने दे मंदिरावाली दा
बोल सच्चे दरबार की जय
गूँजे जय जयकार माँ तेरे मंदिर मे
आये है नर नार माँ तेरे मंदिर मे
जय हो माँ जय हो माँ जय जय माँ
गूँजे जय जयकार माँ तेरे मंदिर मे
आये है नर नार माँ के मंदिर मे
जय हो माँ जय हो माँ जय जय मा
ऊँचे ऊँचे पर्वत है माँ
भक्त तेरे पर नाचते आये
भक्त तेरे पर नाचते आये
पान सुपारी ध्वजा नारियल
चुनरी तुम्हे उड़ाने आये
चुनरी तुम्हे उड़ाने आये
ऊँचे नीचे पर्वत है माँ
भक्त तेरे पर नाचते आये
पान सुपारी ध्वजा नारियल
चुनरी तुम्हे उड़ाने आये
और चढ़ाये हार
और चढ़ाये हार
माँ तेरे मंदिर मैं
आये है नर नार माँ तेरे मंदिर मे
गूँजे जय जयकार माँ तेरे मंदिर मैं
आये है नर नार माँ तेरे मंदिर मे
जय हो मा जय हो माँ जय जय माँ
जयकार शेरावाली दा
बोल सच्चे दरबार की जय
कंजको ने मिल मधुर रसीली
भेंटे कर तुझको रिझाया
भेंटे कर तुझको रिझाया
रूप तेरा माँ ज़मझ कर उनको
जिसने अपना शीश झुकाया
जिसने अपना शीश झुकाया
कंजको ने मिल मधुर रसीली
भेंटे कर तुझको रिझाया
रूप मा ज़मझ के उनको
जिसने अपना शीश झुकाया
उसका हुआ उद्धार माँ तेरे मंदिर
माँ तेरे मंदिर मैं
माँ तेरे मंदिर मैं
आये है नर नार मैया जी तेरे मंदिर मे
गूँजे जय जयकार माँ तेरे मंदिर मे
आये है नर नार माँ तेरे मंदिर मे
जय हो मा जय हो माँ जय जय मा
हे माँ तेरे दर्शन करके
पूरी हो गई मन की आशा
पूरी हो गई मन की आशा
चरण गंगा के पीकर अमृत
तृप्त हुआ है हर मन प्यासा
तृप्त हुआ है हर मन प्यासा
ए माँ दर्शन करके
पूरी हो गई मन की आशा
चरण गंगा के पीकर अमृत
तृप्त हुआ है हर मन प्यासा
आता है संसार
आता है संसार माँ तेरे मंदिर मे
आये है नर नार माँ तेरे मंदिर मे
गूँजे जय जयकार माँ तेरे मंदिर मैं
आये है नर नार माँ तेरे मंदिर मे
जय हो मा जय हो माँ जय जय मा
जय हो माँ जय हो माँ जय जय माँ
जय हो माँ जय हो माँ जय जय माँ
जय हो माँ जय हो मा जय जय माँ
जय हो माँ जय हो मा जय जय माँ
जय माता दी