मेर दिल की एक ही ख्वाहिश
सुनले श्याम बिहारी
अपनी माँ की सेवा करके
उम्र बिताऊ साऱी
मेरी माँ को इन आँखों
से दूर कभी ना करना
हर पल तेरे गन गाऊंगा
कलयुग के अवतारी
श्याम है अर्ज मेरी उम्र घटा दो मेरी
हां बचपन लोटा दो संग रहे माँ मेरी
अब मुझे और बड़ा नही होना है
गोद में माँ की सोना है
ऊँगली पकड कर मैं चलू
माँ हो मेरे साथ लोर सुनाये
माँ मुझको सिर पर फेरे हाथ
माँ की चाहत में जीवन भिगोना है
गोद में माँ की सोना है
भूख लगे जब भी मुझको माँ को दू आवाज
माँ के हाथ से खाऊ खुद पर हो मुझे नाज
दुनिया पीतल है सब माँ सोना है
गोद में माँ की सोना है
हाथ फिरा कर सिर पे कहते बड़े तेरे वपार
समय नही उस माँ की खातिर सब कुछ है बेकार
छोड़ जाए गी माँ फिर रोना है
गोद में माँ की सोना है
कुछ लोगो की नजरो में माँ की कदर नही
भूधी आँखे तरस रही बेटे पर असर नही
माँ के बिन सोनी जीना भी क्या जीना है
गोद में माँ की सोना है