दीनानाथ मेरी बात, छानी कोनी तेरे से,
आंखड़ली चुराकर बाबा, जासी कटे मेरे से।।
खाटु वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो,
श्याम प्रभु रूप तेरो, नैना मे समा गयो,
बिस्रावे मत बाबा,
हार मानी तेरे से आंखड़ली चुराकर बाबा,
जासी कटे मेरे से।।
बालक हू तेरो श्याम, मुझको निभाए दे,
दुखड़े को म्हारे मन्ने, कालजे लगायले पथ दिखला दे बाबा,
काट दे अंधेरे से, आंखड़ली चुराकर बाबा,
जासी कटे मेरे से।।
मुरली अधर पे, कदम तले झूमे है, भक्त खड़े तेरे, चरना ने चूमे है,
खाली हाथ बोल कइया, जाऊं तेरे डेरे से,
आंखड़ली चुराकर बाबा,
जासी कटे मेरे से।।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोनी तेरे से,
आंखड़ली चुराकर बाबा, जासी कटे मेरे से।।