चले भोले बाबा लिए संग बाराती शिवरात्रि भजन

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चले भोले बाबा लिए संग बाराती
गले नाग काले बाघम्बर है तन पे

देवो के देव महादेव आपसे हैं विनती
मेरी भी हो आपके ख़ास भगतो में गिनती
हर ओर सत्यम-शिवम-सुन्दरम
हर हृदय में हर-हर हैं
जड़ चेतन में अभिव्यक्त सतत
कंकर-कंकर में शंकर हैं

चले भोले बाबा लिए संग बाराती
चले भोले बाबा लिए संग बाराती

ना बारात पहले कभी ऐसी देखि
है शोभा निराली जो बखानी ना जाती

मसानो की भस्मी बनाई है उबटन
है मुंडो की माला दूल्हे के कण्ठन

है सहरे के बदले जटाजूट सर पे
जटाओ में गंगा की धारा सुहाती

ना बारात पहले कभी ऐसी देखि
है शोभा निराली जो बखानी ना जाती

ना रथ है न घोड़ी नादिया पे सज के
चले गौरा ब्याहने शिव दूल्हा बन के

है त्रिशूल कर में बंधा जिसपे डमरू
झूम झूम श्रष्टि भी गीत गुनगुनाती

ना बारात पहले कभी ऐसी देखि
है शोभा निराली जो बखानी ना जाती

कोई जाए गंजा कोई जाए नंगा
कोई सिर कटा कोई जाए भुजंगा
कोई सिर कटा कोई जाए भुजंगा

बनाकर के टोली भुत प्रेत नाचे
निराला है दूल्हा निराले है साथी
ना बारात पहले कभी ऐसी देखि
है शोभा निराली जो बखानी ना जाती

नाचते है सारे देव हो या दानव
नहीं आती हर दिन घडी ऐसी पावन
नहीं आती हर दिन घडी ऐसी पावन

है शिव के विवाह की कहानी निराली
कहे कैसे योगी बखानी ना जाती
ना बारात पहले कभी ऐसी देखि
है शोभा निराली जो बखानी ना जाती

गले नाग काले बाघम्बर है तन पे
चले भोले बाबा लिए संग बाराती
चले भोले बाबा लिए संग बाराती

ना बारात पहले कभी ऐसी देखि
है शोभा निराली जो बखानी ना जाती

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