घूँघट के पट खोल रे, तोहे पिया मिलेंगे । घट घट मै तेरे साईं बसत है, कटुक बचन मत बोल रे । धन जोबन का गरब ना कीजे, झूठा इन का मोल । जाग यतन से रंग महल में, पिया पायो अनमोल । सूने मंदिर, दिया जला के, आसन से मत डोल । कहत ‘कबीर’ […]
Kabir Dohe
कुछ लेना ना देना मगन रहना || kuch lena na dena magan rehna
कुछ लेना ना देना मगन रहना | पांच तत्व का बना है पिंजरा, भीतर बोल रही मैना | तेरा पिया तेरे घाट मै बसत है, देखो री सखी खोल नैना | गहरी नदिया नाव पुरानी, केवटिया से मिल रहना | कहत कबीर सुनो भई साधो, प्रभु के चरण लिपट रहना |
एक डाल दो पंछी बैठा कौन गुरु कौन चेला || Ek Daal Do Panchhi Baitha Kaun Guru Kaun Chela Kabir Ke Dohe
एक डाल दो पंछी बैठा,कौन गुरु कौन चेला, गुरु की करनी गुरु भरेगा,चेला की करनी चेला रे साधुभाई, उड़ जा हंस अकेला | माटी चुन-चुन महल बनाया,लोग कहे घर मेरा, ना घर तेरा,ना घर मेरा,चिड़िया रैन-बसेरा रे साधुभाई, उड़ जा हंस अकेला | कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,जोड़ भरेला थैला, कहत कबीर सुनो भाई साधो,संग चले […]
बीत गये दिन भजन बिना रे || Beet Gaye Din Bhajan Bina Re
बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे भजन बिना रे॥ बाल अवस्था खेल गवांयो। जब यौवन तब मान घना रे॥ लाहे कारण मूल गवाँयो। अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥ कहत कबीर सुनो भई साधो। पार उतर गये संत जना रे॥
कबीरा सोया क्या करे Kabira Soya kya kare Kabir Ji Ke Dohe Hindi Lyrics
कबीरा सोया क्या करे ? बैठा रहू अरु जाग जिनके संग ते बिछलों वाही ते संग लाग ज्यों तिल माही तेल है ज्यों चकमक में आग तेरा साईं तुझ में, जाग सके तो जाग|| माला फेरत जुग भया, मिटा न मन का फेर कर का मनका छोड़ दे, मन का मनका फेर माला तो कर […]