भक्ति में मन रम जाता है
जब सूरत देखु मैया की
मैया की बिंदिया अजब बनी
लगती छवि बड़ी निराली है
सिंदूर पे मन रम जाता है
जब सूरत देखु मैया की
भक्ति में मन राम जाता है
जब सूरत देखु मैया की
मैया की चुडिया अजब बनी
मेहंदी की छटा अजब निराली है
कंगन पे मन रम जाता है
जब सूरत देखु मैया की
मैया की पायल अजब बनी
बिछुओ की खनक निराली है
महावर पे मन रम जाता है
जब सूरत देखु मैया की
मैया की साड़ी अजब बनी
मैया की लेहंगा अजब बनी
चोले की छटा निराली है
चुनर पे पे मन रम जाता है
जब सूरत देखु मैया की
भक्ति में मन राम जाता है
जब सूरत देखु मैया की