बंसी बजाने आजा माखन चुराने आजा
सखियाँ तुझे पुकारे ओ मेरे कान्हा आजा
बंसी बजाने आजा माखन चुराने आजा
सखियाँ तुझे पुकारे ओ मेरे कान्हा आजा
लाखो की बिगड़ी तूने पल में है बनाई
आई मैं तेरे दर पर कुछ मांगे ने ओह कन्हाई
राधा के श्याम आजा गोकुल के ग्वाले आजा
सखिया तुझे पुकारे ओ मेरे कान्हा आजा
मीरा ने जब है पुकारा तूने दिया है उसे सहारा
ताबा है मेरा बिरहा पल दे दिया है मुझे सहारा
गिरधर गोपाल आजा ओह नन्दलाल आजा
सखिया तुझे पुकारे ओ मेरे कान्हा आजा
जोगन मैं बन गई हु तेरे लिये ओह कन्हाई
अर्जी सुनो ये मेरी थामो मेरी कलाई
नैनो में तू समा जा अपना मुझे तू बना जा
सखिया तुझे पुकारे ओ मेरे कान्हा आजा