बात है श्याम की श्याम के धाम की
जब खबर कोई लाया मजा आ गया
क्या बातउ तुझे सँवारे ने मुझे भेज कर खत भूल्या
मजा आ गया जी मजा आ गया
खुशबुए इतर की मित्र के खत में है
सँवारे की किरपा मेरी किस्मत में है
झूम उठा दिल ये तब मेरी आँखों ने जब
खत पड़के सुनाया मजा आ गया
चाहता था जो दिल वो ख़ुशी मिल गई
मेरी उम्मीद की हर कली खिल गई
क्या कहु अब भला लो मैं खाटू चला
दिन बड़ा शुभ आया मजा आ गया
होते होते ही इतनी तरकी हुई
अब चरणजीत की जीत पाकी हुई
उस का वादा था जो याद था उसको वो
उसने वधा निभाया माजा आ गया