महाभारत महाभारत महाभारत
आ आ आ आ आ
अथ श्री महाभारत कथा महाभारत कथा
अथ श्री महाभारत कथा महाभारत कथा।
महाभारत महाभारत महाभारत
अथ श्री महाभारत कथा अथ श्री महाभारत कथा
महाभारत कथा महाभारत कथा।
कथा है पुरुषार्थ की ये स्वार्थ की परमार्थ की
सारथि जिसके बने श्री कृष्ण भारत पार्थ की
शब्द दिग्घोषित हुआ जब
सत्य सार्थक सर्वथा
शब्द दिग्घोषित हुआ
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमअधर्मस्य तदात्मानम सृज्याहम।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम धर्म संस्थापनार्थाये संभवामि युगे युगे।।
वचन दिया सोचा नहीं होगा क्या परिणाम
सोच समझ कर कीजिये जीवन में हर काम
आस कह रही श्वाश से धीरज धरना सीख
मांगे मिले मोती न मिले मांगे मिले ना भीख
सीखे हम बीते युगो से नए युग का करे स्वागत
करे स्वागत करे स्वागत करे स्वागत
भारत की है कहानी सदियो से भी पुरानी
है ज्ञान की ये गंगा
ऋषियो की अमर वाणी
ये विश्व भारती है वीरो की आरती है
है नित नयी पुरानी भारत की ये कहानी
महाभारत महाभारत महाभारत महाभारत।।