आज जगराता है मैया का, आज जगराता है
आई खुशिओं भरी यह रात, आज जगराता है
मेरे बस में नहीं जज़्बात, आज जगराता है
आज जगराता है, आज जगराता है
मन में दीवानगी उमंग है तरंग है,
रोम रोम भीगा मेरा ऐसा चढ़ा रंग है
जैसे रंगो की हुई हो बरसात,
आज जगराता है…
भवन प्यारा माँ का घर में सजाएंगे
श्रद्धा से ज्योति माँ की घर में जलाएंगे
मैया आएगी करेगी करामात,
आज जगराता है…
आसान पे बिठा के माँ के चरण पखारेंगे
भोग लगा के माँ की आरती उतारेंगे
फिर मन की करेंगे माँ से बात
आज जगराता है…
खुश हो के मैया फिर ममता लुटायेगी
होएगी दयाल हमे सीने से लगाएगी
मैया बांटेगी सुखो की खैरात
आज जगराता है…