राम लाला की आरती कीजे
पग पंकज पर सर रख लीजे
अवध में अमृत वर्षा
ये पवन चरनामृत पीजे
पलकनमें छवि बसके
नैनं को ये परम सुख दीजे
राम लाला की आरती कीजे
आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद
आगे आगे है बजरंगी राघव के सुख दुःख के संगी
आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद
आगे आगे है बजरंगी राघव के सुख दुःख के संगी
राम भजन रसिया सत्संगी गधा है जिनके हाथमें
आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद
संग सिया जी और लखन है ये दोनों श्री राम रत्न है
राम लग्न में दोनों मग्न है कभी न छोड़े साथ
आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद
कौशलया के नैना झलके भर आई खुशियों में पलके
दुःख के दर्पण में सुख जलके स्नेह की हो बरसात
आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद
राम चरण की रज जो पाई भूमि अयोध्या की मुस्काई
गले लगे जब चारो भाई याद आ गये दसरथ याद
आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद