आरती कीर्ति कुँवरि की कीजै
जय जय भानुनंदिनी की जै ।
कौन सुकृति अस कीरति तेरी,
सुता योगमाया भइ तेरी ।
तेरी सुता स्वामिनी मेरी,
अगनित उमा रमा हैं चेरी ।
मोहूँ निज सहचरि करि लीजै,
जय जय भानुनंदिनी की जै ।।
जग जननि है लाली तेरी,
जग पालन कर लाली तेरी ।
लाल स्वामिनी लाली तेरी,
सोई लाली गति मति रति मेरी ।
मोहिं ‘कृपालु’ टुक ब्रजरस दीजै,
जय जय भानुनंदिनी की जै ।।