आदत पड़गी बाबा थासु लाड लड़ावन की
महारा खाटू वाला श्याम थासु बतलावण की
आदत पड़गी बाबा थासु लाड लड़ावन की
तू हाथ पकड़ ते हो रस्ता दिख लाते हो
इक बाप के होने का तुम फ़र्ज़ निभाते हो
माहरी ली जिमेवारी रस्ता दिखलाने के
आदत पड़गी बाबा थासु लाड लड़ावन की
मन की सारी बात थासु बतलावा हां
माझी ममता सारी संवारा थासु पावा हा
थासु नैन मिला कर के आंसू छलकावन की
आदत पड़गी बाबा थासु लाड लड़ावन की
थासु मिल बा खातिर माहरे चाव घणो जागे
खाटू नगरी माहरे पीहरियो सो लागे
महारे मन में चाव रहे पीहरियाँ रिजवान की
आदत पड़गी बाबा थासु लाड लड़ावन की
बाबुल घर ले जावा तन मन रीजत जावा
जुर जुर हिवड़ा रोवे जद मिलता छा या व
थारे देवीनन्दन कज ना सु रिजवान की
आदत पड़गी बाबा थासु लाड लड़ावन की