आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन
तुझे तेरे लाल बुलाते हैं
आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं ॥
आँखों के आंसू सूख चुके माँ अब तू दरश दिखा दे
कब से खड़ा माँ दर पे तेरे मन की तू प्यास बुझा दे ।
तेरी लीला निराली मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं ।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं ॥
बीच भंवर में नईया पड़ी माँ आकर तू पार लगादे,
तेरे सिवा माँ कोई नहीं है आकर तू गले से लगा ले ।
क्यूँ देर लगावे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं ।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं ॥
डूब रहा है सुख का सूरज गम की बदरिया है छाई ,
उजड़ गयी बगिया जीवन की, मन की कलि मुरझाई ।
करे विनती ये सेवक माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं ।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं ॥