दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहि, हरहु कलेस विकार ।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।। राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि-पुत्र पवनसुत […]
Month: December 2015
Kai Janmo Se Bula Rahi Hu Koi To Rista Jaroor Hoga
कई जन्मो से बुला रही हूँ कोई तो रिश्ता जरूर होगा नज़रो से नज़ारे मिला ना पायी मेरी नज़र का कसूर होगा कई जन्मो से बुला रही हूँ कोई तो रिश्ता जरूर होगा तुम्ही तो मेरे मात पिता हो तुम्ही तो मेरे बंधू शाखा हो कितने नाते तुम संग जोड़े कोई तो नाता जरूर होगा […]