श्याम सुन्दर के जो है पुजारी प्रीत उनसे लगाए हुए है कृष्णा भजन लिरिक्स

0
191
views
Share on Facebook
Tweet on Twitter

श्याम सुन्दर के जो है पुजारी
प्रीत उनसे लगाए हुए है

कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण
की तरह करे जो एक बार मिले
तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं

श्याम सुन्दर के जो है पुजारी
प्रीत उनसे लगाई हुए है

तोड़ कर झूठे बंधन जगत के
प्रीत उनसे लगाए हुए है

श्याम सुन्दर के जो है पुजारी
उनको मन में बसाए हुए है
श्याम सुन्दर के जो है पुजारी

बोलिये भक्ति और भगवन की जय हो
हरी बोल जय श्री कृष्णा

प्रेम से विष को भी पी लिया था
भेद मीरा ने जब पा लिया था

विष के प्याले में भी श्याम सुंदर
विष के प्याले में मुरली मनोहर
अपना आसन लगाए हुए है

श्याम सुन्दर के जो हैं पुजारी
उनको मन में बसाए हुए है
श्याम सुन्दर के जो है पुजारी

द्रोपदी ने कहा कौरवों से
चिर मेरा ये बढ़ता रहेगा
मेरे आँचल के धागों में आकर
श्याम सुंदर समाए हुए है

श्याम सुन्दर के जो हैं पुजारी
उनको मन में बसाए हुए है
श्याम सुन्दर के जो है पुजारी

भक्त वत्सल भगवन की जय
हरी बोल जय श्री कृष्णा

सुर बोला सुनो साफ कह दूँ
मन की आँखो से तुमको मैं देखूं
इसलिए नयन गोपाल मैने
भेट तुमको चढ़ाए हुए है

श्याम सुन्दर के जो हैं पुजारी
उनको मन में बसाए हुए है
श्याम सुन्दर के जो है पुजारी

सदियो से तेरा हूँ दीवाना
ये जनम जनम का फेरा है
एक तेरी साँवरी सूरत ने
ये दिल दीवाना घेरा है

नंद लाल तेरे दीदार बिना
इस दिल में हुआ अंधेरा है
एक बार तो तू कहदे मुझसे
तू मेरा है तू मेरा है

श्याम सुन्दर के जो हैं पुजारी
उनको मन में बसाए हुए है
श्याम सुन्दर के जो है पुजारी

श्याम सुन्दर के जो है पुजारी
प्रीत उनसे लगाए हुए है
तोड़ कर झूठे बंधन जगत के
प्रीत उनसे लगाए हुए है

श्याम सुन्दर के जो है पुजारी
उनको मन में बसाए हुए है
श्याम सुन्दर के जो है पुजारी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here